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लेखनी प्रतियोगिता -14-Dec-2022

  "महफ़िल"

आये हैं देखो कितने ही .... 
महफिल में शामिल होने को 
कितने चेहरे ऐसे भी   
जो लगते कुछ बेगानों से.... 
हर कोई नाका़ब पहन करके
महफिल में रंग जमाने को आया
कोई झूठा तो कोई सच्चा  
हर कोई नया अफसाना लाया
कुछ ने महफिल में जाम छुए 
तो कोई दिलों को छूने आया
कुछ महफ़िल की जान बनें
तो कोई जान निकालने भी आया
हर कोई अपनी रंगत ले करके
कुछ ना कुछ देने को आया
कोई अपने आपे में रहा
तो कोई उससे बाहर भी आया
महफ़िल की रंगत चढ़े ख़ूब 
तो कोई नए साज़ छेड़ने को भी आया  
कुछ खुशियों के रंग ले करके
महफिल में शामिल होने को आया
तो कुछ दर्द का दरिया सीने में ले करके 
होठों पे दर्द के नग़मे छेड़ने को आया  
महफिल में हर कोई आने वाला 
अपनी अमिट छाप छोड़ने को आया
यहाँ आने वाला हर दीवाना
महफिल में कुछ ना कुछ नया लेकर आया ll 
मधु गुप्ता.... "अपराजिता "









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8 Comments

Abhinav ji

15-Dec-2022 09:25 AM

Nice 👍

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Thank You😊😊

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Renu

14-Dec-2022 07:29 PM

Nice 👌

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Thank you😊😊

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Muskan khan

14-Dec-2022 06:03 PM

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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Thank You😊😊

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